निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- चित्रांगदा मणिपुर नरेश की राजपुत्री थी| जब युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ किया था, तब अर्जुन दिग्विजय के लिए निकले थे| मणिपुर में आकर उन्होंने वहाँ के राजा को युद्ध के लिए ललकारा था| संयोगवश वहाँ अर्जुन और चित्रांगदा में प्रेम-विवाह हो गया| लेकिन चित्रांगदा अर्जुन के साथ हस्तिनापुर नहीं आ सकी, क्योंकि मणिपुर नरेश की दूसरी कोई संतान नहीं थी और उन्होंने विवाह के समय अर्जुन से वचन ले लिया था की चित्रांगदा का पुत्र मणिपुर का उत्तराधिकारी माना जाएगा| चित्रांगदा ने पच्चीस वर्ष दूर रहकर साधना की तथा अर्जुन के पुत्र बभ्रूवाहन वाहन को पाल-पोसकर वीर बनाया| पच्चीस वर्ष बाद अर्जुन के आने पर वह पिता-पुत्र के मिलन का आनन्द अनुभव नहीं कर पाई | अश्वमेध को लेकर अर्जुन और बभ्रूवाहन का द्वंद उसे दुविधा में डाल देता है; किन्तु अर्जुन द्वारा बभ्रूवाहन के क्षत्रिय कुल के प्रति शंका प्रकट करने पर उसका स्वाभिमान जाग उठता है और वह पुत्र को पिता से युद्ध करने का आदेश देती है| अर्जुन के सम्बन्ध से वह वीर पत्नी तो पहले से ही थी, बभ्रूवाहन के पराक्रम से वह वीर माता भी बन गई | |
प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक क्या होगा? |
वीर पत्नी व वीर माता: चित्रांगदा महाभारत की एक घटना अर्जुन और उसका वीर पुत्र वीरगाथा |
वीर पत्नी व वीर माता: चित्रांगदा |
गद्यांश का उचित शीर्षक होगा वीर पत्नी व वीर माता: चित्रांगदा | |