निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- जय-जय प्यारा,जग से न्यारा शोभित सारा, देश हमारा, जगत-मुकुट,जगदीश दुलारा- जग सौभाग्य सुदेश! जय-जय प्यारा भारत देश! स्वर्गिक शीश-फूल पृथ्वी का, प्रेम-मूल, प्रिय सकल विश्व का, सुललित प्रकृति नटी का टीका- ज्यों निशि का राकेश! जय-जय प्यारा भारत देश! कलरव-नित क्लोलिनी गंगा, विविध वेश,भाषा हैं संगा, जागृत कोटि-कोटि जुग जीवे, जीवन सुलभ अमी रस पीवे, सुखद वितान सुकृत का सीवे- रहे स्वतंत्र हमेशा! जय-जय प्यारा भारत देश! |
किस पंक्ति में भारत को पृथ्वी का चंद्रमा कहा गया है? |
स्वर्गिक शीश-फूल पृथ्वी का सुललित प्रकृति-नटी का टीका ज्यों निशि का राकेश प्रेम-मूल, प्रिय लोकत्रयी |
ज्यों निशि का राकेश |
'ज्यों निशि का राकेश' पंक्ति में भारत को पृथ्वी का चन्द्रमा कहा गया है| |