नीचे दिए गए पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न का सही उत्तर चुनिए।
आज हैं केसर रंग रँगे वन, रंजित शाम भी फागुन की खिली पीली कली सी, केसर के वसनों में थिपा तन, सोने की छाँह-सा, बोलती आँखों में पहिले वसन्त के फूल का रंग है। गोरे कपोलों पे हौले से आ जाती, पहिले ही पहिले के, रंगीन चुंबन की सी ललाई। आज हैं केसर रंग रँगे-
गृह, द्वार, नगर, वन, जिनके विभिन्न रंगों में है रँग गई पूनो की चंदन चाँदनी। जीवन में फिर लौटी मिठास है, गीत की आखिरी मीठी लकीर सी, प्यार भी डूबेगा गोरी सी बाँहों में, ओंठों में, आँखों में, फूलों में डूबे ज्यों- फूल की रेशमी - रेशमी छाँहें। |