Practicing Success
निम्न्लिखित ग्दयांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न का उत्तर दीजिए :- निस्संदेह राजनितिक 'प्रतिनिधित्व' ऐसा माध्यम है जिसमें,आधुनिक,व्यावहारिक,राजनितिक और देशीय भाषा में 'लोकतंत्र' पुन: प्रतिपादन सम्भव हुआ| परिणामी उदार लोकतंत्र प्रत्यक्षत: प्राचीन एथेंस के लोकतंत्र से प्राप्त नहीं हुआ है| उन युगों के मध्य वास्तव में ऐसा कुछ नहीं था जो लोकतंत्र के प्रतिस्तविक या नामित राजनितिक दृष्टीकोण रखता था और जब यह पुन: राजनीति और सिधांत का केंद बना, तो इसमें प्रतिनिधित्व जुड़ गया- जिसे हम लोकतंत्र कहते हैं, वस्तुतः विशेष प्रकार का लोकतंत्र है 'प्रतिनिध्यात्मक लोकतंत्र' जबकि निर्वाचन और जनमानस का दबाव निश्चित रूप से राजनितिक रूप से प्रभाव डालता है, प्रतिनिधियों के कार्य लोकतान्त्रिक नागरिकता को रजनीतिक अधिकार में परिणत करने हेतु प्राथमिक सरकारी प्रणाली होते हैं| लोकतान्त्रिक समाज में राजनितिक अच्छाई को बढ़ावा देने के लिए हम प्रतिनिध्यात्मक प्रक्रिया पर भरोसा करते हैं| परन्तु आजकल जब कोई 'प्रतिनिधित्व' के विचार की कल्पना करता है, तो नैतिकता या अच्छाई से इसका साहचर्य मस्तिष्क में नहीं आता है| कुल मिलाकर यह तटस्थ पक्रिया है - एक यांत्रिक विधि है जिसके द्वारा एक सत्ता दूसरे के लिए होती है या उसका प्रतिनिधित्व करती है और यह लाखों नागरिकों के निर्णयों को कुछ प्रतिनिधियों के विधिक आधिकारिक हाथों में देने या हजारों लोगो की भावनाओं को भी एक व्यक्ति के नेतृत्व को सौंपने की राजनितिक आवश्यकता होती है| |
प्रतिनिधि लोकतंत्र के संबंध में लेखक का क्या विचार है? |
विधिक और नैतिक सार्वभौम भागीदारी मनमाना सत्तापरक कुछ व्यक्तियों का हाथ में सत्ता का केन्द्रीयकरण |
कुछ व्यक्तियों का हाथ में सत्ता का केन्द्रीयकरण |
प्रतिनिधि लोकतंत्र के संबंध में लेखक का विचार कुछ व्यक्तियों के हाथ में सत्ता का केन्द्रीयकरण होने से है| प्रतिनिधि लोकतंत्र एक प्रकार की यांत्रिक विधि है जिसके द्वारा एक सत्ता दुसरे के लिए होती है या उसका प्रतिनिधित्व करती है जो लाखों लोंगों के निर्णयों को कुछ जनप्रतिनिधियों के विधिक आधिकारिक हाथों में दे देते हैं| |