निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए. आँसुओं का कोष उर, दृग अश्रु की टकसाल; तरल जल-कण से बने घन-सा क्षणिक मृदुगात! जीवन विरह का जलजात! अश्रु से मधुकण लुटाता आ यहाँ मधुमासः अश्रु ही की हाट बन जाती करुण बरसात! जीवन विरह का जलजात! काल इस को दे गया पल-आँसुओं का हार; पूछता इस की कथा निःश्वास ही में वात जीवन विरह का जलजात ! जो तुम्हारा हो सके लीला कमल यह आज, खिल उठे निरुपम तुम्हारी देख स्मित का प्रात! जीवन विरह का जलजात! |
पद्यांश में प्रयुक्त काल शब्द का अर्थ निम्नलिखित शब्दों में कौन-सा नहीं है- |
भाग्य मृत्यु समय कल |
कल |
सही उत्तर विकल्प (3) है → कल |