गद्यांश से संबंधित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें- उत्तर-संरचनावाद संरचनावाद का ही अगला चरण है। इन दोनों को उस तरह अलगाया नहीं जा सकता जिस प्रकार आधुनिकतावाद और उत्तर- आधुनिकतावाद को अलगाने का प्रचलन है। संरचनावाद कुछ विशिष्ट विचारों का गुंफ है जो कई अनुशासनों इतिहास, नृत्तत्वशास्त्र, मनोविज्ञान, साहित्य आदि पर लागू किया जा सकता है। यह अकादमिय फेशन के रूप में प्रचलित रहा। नौवें दशक में इसका पराभव शुरू हो गया। इसका स्थान उत्तर- संरचनावाद ने ले लिया। यद्यपि बहुत से अन्य मत-मतान्तरों की तरह इसका संरचनावाद) जन्म स्थान फ्रांस है, फिर भी कुछ अन्य देशों के विद्वानों ने इसमें महत्त्वपूर्ण योगदान किया है। सस्योर (स्विटजरलैंड), रोमन जेकोब्सन, माइकेल दाख्ति (रूस), पियरे, एडवर्ड सुपीर, नोम चाम्स्की (अमेरिका) आदि ऐसे ही विद्वान है। संरचनावादियों ने इनसे बहुत कुछ सीखा। जैसा कहा जा चुका है कि इसकी जन्मभूमि फ्रांस है। नाना प्रकार की अवधारणाओं के प्रादुर्भाव का श्रेय फ्रांस की धरती को है। यूरोप के अन्य देश यहाँ से विचार लेते रहे हैं। इसे स्थापित करने का श्रेय पाँच फ्रांसीसी विद्वानों को दिया जाता है क्लाले लेविस स्त्रोस (नृत्तत्वशास्त्री), माइकेल फूको (विचारों का इतिहासकार), रोलाँ बार्थ (साहित्य- आलोचक), लुई अलथ्युसर (राजनीतिक वैज्ञानिक) और जेकियस लकन (मनोवैज्ञानिक)। इनका कोई स्कूल नहीं है, प्रत्येक का अपना अनुशासन और व्यक्तित्व है। पर उनकी पद्धतियों में कुछ ऐसा साम्य भी है कि वे संरचनावादी कहे जाते हैं। इनमें से कुछ अपने पर इस शब्द का लेबल नहीं लगाना चाहते। इनमें लेविस स्त्रोस अकेला व्यक्ति है जो इसके साथ नौवें दशक के मध्य तक जुड़ा रहा। बार्थ और फुको आंशिक रूप से ही संरचनावादी हैं। संरचनावाद भाषिकी की पद्धति है। उत्तर-संरचनावाद इसी का अगला चरण है। |
संरचनावाद के विकास में जिन गैर फ्रांसीसियों ने योगदान दिया, उनमे से एक विद्वान हैं- |
माइकेल फूको सस्योर लुई अलथ्युसर जैकियस लकन |
सस्योर |
सही उत्तर विकल्प (2) है → सस्योर |