निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर (ध्यानपूर्वक) नीचे दिए गए प्रश्नों का उत्तर दीजिए। चलना मनुष्य का स्वभाव है। पानी भी चलता है, हवा भी चलती है, समय भी चलता है और मनुष्य भी चलता है। प्राचीन समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचने के लिए मनुष्य मीलों पैदल यात्रा करता था। कई बार यात्रा इतनी लम्बी हो जाती थी कि वर्षों लग जाते थे, मार्ग में यात्री बीमार होकर मर भी जाते थे, फिर पालकियों का प्रयोग किया जाने लगा। इन्हें चार लोग उठाते थे, मगर रास्ते में चलते-चलते थके लोगों की जगह लेने के लिए आठ या बारह लोग साथ में चलते थे। पालकियों का प्रयोग स्त्रियों के लिए किया जाता था । पहिए के आविष्कार ने मनुष्य का जीवन ही बदल दिया। इसके आविष्कार से सर्वप्रथम बेलगाड़ी द्वारा यात्रा सुगम व सस्ती होने लगी। धीरे-धीरे इसी पहिए से मशीन से चलने वाली गाड़ियाँ सड़कों पर दौड़ने लगीं। |
चलना किस किस का स्वभाव है? |
चलना मनुष्य का स्वभाव है चलना पानी का स्वभाव है चलना मनुष्य, हवा, पानी तथा समय का स्वभाव है चलना केवल जानवरो का स्वभाव है |
चलना मनुष्य, हवा, पानी तथा समय का स्वभाव है |
सही उत्तर विकल्प (3) है → चलना मनुष्य, हवा, पानी तथा समय का स्वभाव है |