Target Exam

CUET

Subject

Hindi

Chapter

Comprehension - (Narrative / Factual)

Question:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्न का उत्तर दीजिए-:
मनुष्य के लिए अच्छे स्वास्थ्य का होना अत्यंत आवश्यक है| एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क होता है|
दूसरे शब्दों में, स्वस्थ मस्तिष्क के लिए स्वस्थ शरीर का होना अनिवार्य है| रुग्णन शारीर, रुग्ण मानसिकता
को जन्म देता है| वैदिक काल से ही हमारे पूर्वजो ने 'निरोगी काया' अर्थात स्वस्थ शरीर को प्रमुख सुख माना है|
खेल अथवा व्यायाम की उतनी ही आवश्यकता है जितनी की जीवन को जीने के लिए भोजन व पानी की
आवश्यकता होती है| विद्यार्थी जीवन मानव जीवन की आधारशिला है| इस काल में आत्मसात की गई समस्त
अच्छी-बुरी आदतों का मानव जीवन पर स्थायी प्रभाव पड़ता है| अद्ययन के साथ-साथ व्यायाम मनुष्य के सर्वागीण
विकास में सहायक है| विद्यार्थी जो अपनी पढाई के साथ खेल को बराबर का महत्व देते है वे प्राय: कुशाग्र बुद्धि
के होते हैं तथा उनमें धैर्य, सहनशीलता, क्षमता जैसे मानवीय गुणों का विकास अधिक होता है| हमारे देशम में
योगासन, दण्ड-बैठक, दौड़ना, कुश्ती, तैराकी आदि व्यायाम की अनेक पद्धतियां प्रचलित हैं| खेंलना भी व्यायाम
का ही एक रूप है| फुटबाल, हॉकी, वॉलीबाल, कब्बड्डी, खो-खो, क्रिकेट आदि देश के प्रमुख खेल हैं| अतः मनुष्य
के सर्वागीण विकास के लिया यह अनिवार्य है कि हम खेल और शिक्षा दोनों को ही बराबर का महत्व दे|

अध्ययन के साथ-साथ मनुष्य के लिए सर्वांगीण विकास में क्या सहायक है?

Options:

बुरी आदतें

नृत्य

पढाई

व्यायाम

Correct Answer:

व्यायाम

Explanation:

व्यायाम

व्याख्या:

गद्यांश के अनुसार, मनुष्य के लिए अच्छे स्वास्थ्य का होना अत्यंत आवश्यक है। एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क होता है। दूसरे शब्दों में, स्वस्थ मस्तिष्क के लिए स्वस्थ शरीर का होना अनिवार्य है। रुग्णन शारीर, रुग्ण मानसिकता को जन्म देता है। वैदिक काल से ही हमारे पूर्वजो ने 'निरोगी काया' अर्थात स्वस्थ शरीर को प्रमुख सुख माना है। खेल अथवा व्यायाम की उतनी ही आवश्यकता है जितनी की जीवन को जीने के लिए भोजन व पानी की आवश्यकता होती है।

विद्यार्थी जीवन मानव जीवन की आधारशिला है। इस काल में आत्मसात की गई समस्त अच्छी-बुरी आदतों का मानव जीवन पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। अद्ययन के साथ-साथ व्यायाम मनुष्य के सर्वांगीण विकास में सहायक है। विद्यार्थी जो अपनी पढाई के साथ खेल को बराबर का महत्व देते है वे प्राय: कुशाग्र बुद्धि के होते हैं तथा उनमें धैर्य, सहनशीलता, क्षमता जैसे मानवीय गुणों का विकास अधिक होता है।