निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दीजिए। मेहरअली ने ज़मीन पर फैले सत्थर की ओर देखा - 'जी, जीवियों की मेहनत-मजूरी जट्ट किसान के जिम्मे और घुड़चढ़ी-निगरानी शाहों के घोड़े पर चढ़ इधर-उधर खेतों पर नजर मारी, मशीरी की ओर हर फसल के दाने अपने कोठों में भर लिए पसीना बहाया तो काम्मियों ने !" "बस ओए मेहरा, अफलातूनी न झाड़ा। रोटी टुक्कड़ जो सिदक से मिल रहा है, उससे भी जाएगा।" मेहरअली शुकारने लगा - "चार आना सूद एक रुपए पर और एक पंड दानों की बीघा ज़मीन पर बाकी जो बचा-खुचा, उसमें कम्मी-कमीनों की उम्र पार।" फ़रमानअली ने लस्सी का कटोरा खाली कर नीचे रखा और डपटकर कहा- |
एक रुपये पर कितने सूद की बात गद्यांश के नायक ने कही है? |
दस आना पाँच आना चार आना तीन आना |
चार आना |
सही उत्तर विकल्प (3) है → चार आना |