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‘अलंकार संप्रदा’के प्रवर्तक आचार्य हैं - |
आचार्य भरत मुनि आचार्य क्षेमेन्द्र आचार्य भामह आचार्य कुन्तक |
आचार्य भामह |
सही उत्तर है आचार्य भामह। आचार्य भामह ने अपने ग्रन्थ काव्यालंकार में अलंकार सिद्धांत का प्रतिपादन किया। उन्होंने अलंकार को काव्य का प्राण माना और अलंकार रहित काव्य को निरर्थक बताया। आचार्य भामह के बाद आचार्य क्षेमेन्द्र, आचार्य रुद्रट, आचार्य दण्डी, आचार्य वामन आदि आचार्यों ने अलंकार सिद्धांत पर विस्तृत कार्य किया। इस प्रकार, आचार्य भामह को अलंकार संप्रदाय के प्रवर्तक माना जाता है। |