Practicing Success
निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिये। वह तोड़ती पत्थर; |
प्रस्तुत कविता के कवि हैं: |
सुमिव्रानंदन पंत सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' जयशंकर प्रसाद रामनरेश त्रिपाठी |
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' |
प्रस्तुत पद्यांश कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा रचित "वह तोड़ती पत्थर" कविता का प्रथम छंद है। इस छंद में कवि ने इलाहाबाद के एक चौराहे पर पत्थर तोड़ती एक श्याम तन वाली युवती का चित्रण किया है। कवि ने युवती के श्रमशील और कर्मठ स्वभाव का वर्णन किया है। वह युवती बिना किसी छायादार पेड़ के नीचे बैठकर पत्थर तोड़ रही है। उसका तन श्याम है और उसका यौवन भरपूर है। वह अपने प्रिय कर्म में रत है और एक मजबूत हथौड़े से बार-बार पत्थरों पर प्रहार कर रही है। इस प्रकार, प्रस्तुत पद्यांश के कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' हैं। अन्य विकल्पों की व्याख्या:
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