" घर में नहीं दाने अम्मा चली भुनाने" लोकोक्ति का सही अर्थ क्या होगा? |
सामर्थ्य से बहार कार्य करना| शेखी मारना | व्यर्थ के कामों में समय नष्ट करना | ना होने पर भी ढोंग करना| |
ना होने पर भी ढोंग करना| |
सही उत्तर ना होने पर भी ढोंग करना है। इस लोकोक्ति का अर्थ है कि जो व्यक्ति के पास कुछ नहीं होता है, वह भी दिखावा करता है। जैसे, घर में खाने के दाने नहीं होते हैं, फिर भी अम्मा भुनाने चली जाती है। यह लोकोक्ति अक्सर उन लोगों के लिए प्रयोग की जाती है जो अपनी क्षमताओं से अधिक दिखावा करते हैं। वे ऐसा इसलिए करते हैं ताकि दूसरों को प्रभावित कर सकें। |