निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों को उत्तर दीजिए: मास्टर जी के आने का समय जितना निश्चित था, जाने का समय उतना ही अनिश्चित था। वे कभी डेढ़ घंठा और कभी दो घण्टे पढ़ाते रहते थे। पढ़ते-पढ़ते पाँच बजने को आ जाते तो मेरे लिए 'नाउन' और 'एडजेक्टिव' में फ़र्क करना मुश्किल हो जाता। मैं जम्हाइयाँ लेता और बार-बार ऊबकर घड़ी की तरफ देखता। मगर मास्टर जी उस समय 'पास्ट पाटीसिपल' और ‘परफ़ेक्ट पाटीसिपल' जैसी चीज़ों के बारे में जाने क्या-क्या बता रहे होते। पढ़ाई हो चुकने के बाद वे दस मिनट हमें जीवन के सम्बन्ध में शिक्षा दिया करते थे। वे दस मिनट बिताना मुझे सबसे मुश्किल लगता था। वे पानी के छोटे-छोटे घूँट भरते और जोश में आकर सुन्दर और असुन्दर के विषय में जाने क्या कह रहे होते, और मैं अपनी कॉपी घुटनों पर रखे हुए उसमें लिखने लगता। |
पढ़ाई समाप्त होने के बाद मास्टर जी क्या शिक्षा देते थे? |
जीवन के सम्बन्ध में खेलने के सम्बन्ध में व्यायाम के सम्बन्ध में स्वास्थ्य जीवन के सम्बन्ध में |
जीवन के सम्बन्ध में |
सही उत्तर विकल्प (1) है → जीवन के सम्बन्ध में |