निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए- स्वस्थ्य शरीर वाला मनुष्य ही इस संसार के सभी प्रकार के सुखों को भोग सकता है तथा सुखमय जीवन बिता सकता है। स्वस्थ्य शरीर के लिए पौष्टिक भोजन तथा व्यायाम दोनों ही अतिआवश्यक हैं। व्यायाम करने का भी ढंग होता है। इसे करते समय सदा कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए। पहली सावधानी यह है कि आयु. समय व शरीर की क्षमता के अनुसार ही व्यायाम करना चाहिए। दूसरी सावधानी यह है कि सही व्यायाम का चुनाव करना चाहिए तथा व्यायाम की उचित मात्रा निश्चित करनी चाहिए। तीसरी सावधानी यह है कि शुद्ध वायु, प्रकाश वाले खुले स्थान में व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम के तुरंत बाद स्नान नहीं करना चाहिए। व्यायाम के अनेक लाभ हैं - इससे शरीर में शुद्ध रक्त का संचार होता है, भोजन ठीक से पचता है, शरीर पुष्ट बन जाता है, थकान कम अनुभव होती है तथा मस्तिष्क भी स्वस्थ रहता है। |
स्वस्थ शरीर का स्वामी मनुष्य कैसा जीवन व्यतीत करता है? |
दुखों से भरा नींद से भरा सुखमय आँसूओं से भरा |
सुखमय |
सही उत्तर विकल्प (3) है → सुखमय |