निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- जिसने झेला नहीं,खेल क्या उसने खेला? जो कष्टों से भागा, दूर हो गया सहज जीवन क्रम से उसको दे क्या दान प्रकृति की यह गतिमयता यह नव बेला| पीड़ा के माथे पर ही आनन्द तिलक चढ़ता आया है| मुझे देखकर आज तुम्हारा मन यदि सचमुच ललचाया है, तो कृत्रिम दीवारें तोड़ो बाहर जाओ खुलो , तपो, भीगो,गल जाओ, आँधी,तूफानों को सिर पर लेना सीखो| जीवन का हर दर्द सहेजो स्वीकारो हर चोट समय की जितनी भी हलचल मचनी हो,मच जाने दो रस-विष दोनों को गहरे में पच जाने दो तभी तुम्हें भी धरती का आशीष मिलेगा| |
उपर्युक्त पद्यांश के आधार पर कष्टों से दूर भागने वाला व्यक्ति कौन-है? |
जीवन को स्वाभाविकता से नही जी पाता सदैव असफलता हाथ लगती है सदैव सफलता प्राप्त करता है क और ख ठीक है |
क और ख ठीक है |
कष्टों से दूर भागने वाला व्यक्ति जीवन को स्वाभाविकता से नही जी पाता और उसके सदैव असफलता हाथ लगती है | |