| निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- जिस-जिससे पथ पर स्नेह मिला उस उस राही को धन्यवाद| जीवन अस्थिर, अनजाने ही हो जाता पद पर मेल कहीं सीमित पग-डग , लंबी मंजिल तय कर देना कुछ खेल नहीं दाएँ -बाएँ सुख-दुख चलते सम्मुख चलता पद का प्रमाद जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला उस उस राही को धन्यवाद| जो साथ ना मेरा दे पाए उनसे कब सूनी हुई डगर मैं भी न चलूं यदि तो भी क्या राही म,र लेकिन राह अमर इस पथ पर वें ही चलते हैं जो चलने का पा गए स्वाद जिस जिस से पथ पर स्नेह मिला उस- उस राही को धन्यवाद। |
| जीवन रूपी डगर पर कौन चलते हैं ? |
जुझारू आनंद लेने वाले मुसीबत में फँसे प्रगति करने वाले |
| आनंद लेने वाले |
| कवि के अनुसार जीवन रुपी डगर वहीं चलाते हैं जो जीवन का आनन्द लेते हैं| |