उपरोक्त गद्यांश से संबंधित निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए। भारत का नागरिक उड्डयन क्षेत्र दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते उड्डयन क्षेत्रों में है। देश का घरेलू यातायात दक्षिण एशिया के कुल एयरलाइन यातायात का करीब 70 फीसद है, लेकिन महामारी के दौरान बीते दो वर्षों में एयरलाइन ऑपरेटरों को 19,500 करोड़ रुपये और हवाई अड्डों को 5,120 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ । घरेलू यातायात के महामारी से पहले स्तरों पर लौटने और नियमित अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें फिर शुरू होने के साथ ही इस क्षेत्र को पहले की स्थिति में वापसी की उम्मीद है।उद्योग के लिए प्रोत्साहन पैकेज पर काम चल रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्री ने 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों एटीएफ (वायुयान ईंधन) पर वैट घटाकर 1-4 फीसद करने को राजी किया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने 42 पुराने हवाईअड्डों की क्षमता का विस्तार करने और तीन नए हवाई अड्डे बनाने पर अगले 3-4 वर्षों में 30,000 करोड़ रुपए खर्च करने का फैसला किया है। 2025 तक देश में हवाई अड्डे 141 से बढ़कर 200 से ज्यादा हो जाएंगे। मंत्रालय देश में उड़ान प्रशिक्षण संगठनों की संख्या बढ़ाने और रखरखाव, मरम्मत तथा ओवरहॉल (एमआरओ) सुविधा के विस्तार पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। उड़ान योजना के विस्तार से दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहर जुड़ रहे हैं, वहीं 'कृषि उड़ान' ने शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं और कृषि उत्पादों के परिवहन में क्रांति ला दी है। |
गद्यांश के अनुसार महामारी के दौरान बीते दो वर्षों में एयरलाइन्स आपरेटरों को कितने करोड़ रुपये का घाटा हुआ? |
5120 करोड़ 30000 करोड़ 19500 करोड़ 200 करोड़ |
19500 करोड़ |
सही उत्तर विकल्प (3) है → 19500 करोड़ |