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"वीरों का कैसा होगा वसंत" कविता में किस रस की सृष्टी हुई है? |
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वीर रस |
"वीरों का कैसा होगा वसंत" कविता में कवयित्री सुभद्राकुमारी चौहान ने वीरों के जीवन के संघर्ष और बलिदान की गाथा का वर्णन किया है। कविता में वसंत ऋतु का सुंदर और मनोहारी रूप भी दर्शाया गया है। लेकिन वीरों के जीवन में वसंत का अर्थ केवल सुख-सुविधा और आनंद नहीं है, बल्कि यह उनके लिए संघर्ष और बलिदान का भी प्रतीक है। कवियित्री कहती हैं कि वीरों का वसंत तब आएगा जब वे अपने देश की रक्षा के लिए युद्ध में विजय प्राप्त करेंगे। इस कविता में वीरों की वीरता, साहस, और देशभक्ति जैसे गुणों का वर्णन किया गया है। इन गुणों के कारण वीर रस की सृष्टि हुई है। |