Target Exam

CUET

Subject

Hindi

Chapter

Comprehension - (Narrative / Factual)

Question:

उपरोक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए।

एक रोचक तथ्य यह है कि जितने भी महापुरुष हैं, उन्होंने अपने उत्तर- जीवन में ही महान कार्य एवं महान विचार दिए। शंकराचार्य, विवेकानंद, मीरा, गुरु गोविंद सिंह को छोड़ दें, क्योंकि उनका जीवन अपेक्षाकृत 50-60 वर्षों से कम का रहा, लेकिन विचार-संस्कार की उनकी आयु आज भी जारी है। स्वामी दयानंद 59 वर्ष जिये, रामकृष्ण परमहंस 60 वर्ष तक माँ काली में लीन रहे, बाल गंगाधर तिलक 64 वर्ष जिये, रविंद्रनाथ ठाकुर (टैगोर) 80 वर्ष, अरविंद ने 78 वर्ष तक अपने अतिमानस की खोज करते हुए जीवन जिया। आर्यभट्ट जैसे भौतिक विज्ञानी का जीवन भी 77 वर्ष का रहा, वराहमिहिर जैसे नक्षत्रशास्त्री ने अपनी ज्योतिष आयु 89 वर्ष तक जी, राजा भोज ने ज्ञान और सत्ता दोनों का निर्वाह 66 वर्ष की उम्र तक किया। रामानुजाचार्य 120 वर्ष तक अपने दर्शक- वाणी को प्रवाहित करते रहे, निजामुद्दीन ओलिया 91 वर्ष तक लोक आस्था के मर्कज में बने रहे। अमीर खुसरो 72 वर्ष तक जीकर हिंदी को महान भाषा बना कर चले गये, अकबर 63 वर्ष जिये मगर बीरबल ने 89 वर्ष की उम्र जी। राजा राममोहन राय 61 वर्ष तक जिये, गांधी 79 वर्ष तक जिये और इस प्रकार अनेक महापुरुष, ऋषि, महात्मा, संन्यासी, संत, शासक आदि हैं, जिन्होंने अपनी आयु का वृद्धावस्था जिया । सबसे बड़ी बात यह है कि इन महान हस्तियों की भौतिक आयु उतनी महत्वपूर्ण नहीं, जितनी उनकी वैचारिक आयु। ये सब कर्म, ज्ञान और सेवा की आयु से महत्वपूर्ण बने।

किन महापुरुषों का जीवन 50-60 वर्षों से कम रहा -

Options:

शंकराचार्य, विवेकानंद, मीरा, गुरु गोविंद

वराहमिहिर, रामानुजाचार्य

अकबर, राजा राममोहन राय

गाँधी, बीरबल

Correct Answer:

शंकराचार्य, विवेकानंद, मीरा, गुरु गोविंद

Explanation:

सही उत्तर विकल्प (1) है → शंकराचार्य, विवेकानंद, मीरा, गुरु गोविंद