Practicing Success
निम्नलिखित पंक्तियों में निहित रस का भेद बताओ | मुझ कर्ण का कर्तव्य दृढ है मांगने आए किसे | निज हाथ से झट काट अपना शीश भी देता उसे || बस , क्या हुआ फिर अधिक , घर पर आ गया अतिथि | हूँ दे रहा कुंडल तथा तन प्राण ही अपने इसे || |
भयानक रस वीर रस शांत रस रौद्र रस |
वीर रस |
दी गई पंक्तियों में वीर रस निहित है। इन पंक्तियों में कर्ण के वीरता और कर्तव्यनिष्ठता का वर्णन किया गया है। वह अपने कर्तव्य के लिए अपना शीश तक काट देने को तैयार है। वह अतिथि के लिए अपने कुंडल और प्राण तक अर्पण करने को तैयार है। |