प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में सही विकल्प का चयन करें। भारत में गुरु-शिष्य संबंध का वह भव्य रूप आज साधुओं, पहलवानों और संगीतकारों में ही थोड़ा-बहुत ही सही, पाया जाता है। भगवान रामकृष्ण बरसों योग्य शिष्य को पाने के लिए प्रार्थना करते रहे। उनके जैसे व्यक्ति को भी उत्तम शिष्य के लिए रो-रोकर प्रार्थना करनी पड़ी। इसी से समझा जा सकता है कि एक गुरु के लिए गुरु उत्तम शिष्य कितना मँहगा और महत्त्वपूर्ण है। संतानहीन रहना उन्हें दुःख नहीं देता पर बगैर शिष्य के रहने के लिए वे एकदम तैयार नहीं होते। इस संबंध में भगवान ईसा का एक कथन सदा स्मरणीय है। उन्होंने कहा था- "मेरे अनुयायी लोग मुझसे कहीं अधिक महान है और उनकी जूतियाँ होने की योग्यता भी मुझमें नहीं है। यही बात है, गाँधी जी बनने की क्षमता जिनमें है उन्हें गाँधी जी अच्छे लगते हैं और वे ही उनके पीछे चलते भी हैं। विवेकानन्द की रचना सिर्फ उन्हें पसंद आएगी जिनमें विवेकानन्द बनने की अद्भुत शक्ति निहित है।" |
किस गुरु ने योग्य शिष्य पाने के लिए बरसों प्रार्थना की- |
विवेकानंद भगवान ईसा गाँधी जी भगवान रामकृष्ण |
भगवान रामकृष्ण |
सही उत्तर विकल्प (4) है → भगवान रामकृष्ण |