निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए. आँसुओं का कोष उर, दृग अश्रु की टकसाल; तरल जल-कण से बने घन-सा क्षणिक मृदुगात! जीवन विरह का जलजात! अश्रु से मधुकण लुटाता आ यहाँ मधुमासः अश्रु ही की हाट बन जाती करुण बरसात! जीवन विरह का जलजात! काल इस को दे गया पल-आँसुओं का हार; पूछता इस की कथा निःश्वास ही में वात जीवन विरह का जलजात ! जो तुम्हारा हो सके लीला कमल यह आज, खिल उठे निरुपम तुम्हारी देख स्मित का प्रात! जीवन विरह का जलजात! |
'अश्रु से मधुकण लुटता आ रहा मधुमास' पंक्ति को ध्यानपूर्वक पढ़कर क्रम में लगाइए- A. जीवन विरह का जलजात। नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए: |
D, A, C, B, E D, A, B, C, E D, C, A, B, E D, E, A, C, B |
D, A, C, B, E |
सही उत्तर विकल्प (1) है → D, A, C, B, E |